लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की ख़बर है.

सूत्रों ने सोमवार को कहा कि चीन ने अपने सैनिकों को गलवान नदी घाटी में कम से कम एक किलोमीटर पीछे किया है. चीनी सेना के 15 जून को एलएसी पर झड़प वाली जगह से पेट्रोल पॉइंट 14  से 1.5 से  2 किलोमीटर पीछे हटने की खबर है. भारतीय जवान भी पीछे आ गए और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर ज़ोन बना दिया गया है.

सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने गलवान नदी के मोड़ से हटना शुरू कर दिया है और इस इलाके से अस्थायी ढांचों और टेंट को हटा दिया गया है. वर्तमान में, यह प्रक्रिया सिर्फ गलवान घाटी तक में सीमित है.  सूत्रों ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि क्या पीछे हटने और तनाव कम करने की यह एक स्थायी, वास्तविक प्रक्रिया है.” सूत्रों के मुताबिक, दोनों ओर बने अस्थायी ढांचों को हटा दिया गया है. इसका भौतिक रूप से सत्यापन भी किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लद्दाख के दौर पर जाने के तीन दिन बाद चीन सेना के पीछे हटने की खबर आ रही है. लद्दाख में पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि “विस्तारवाद की उम्र खत्म हो गई है. यह विकास की उम्र है. इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई हैं,”

गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद, भारत और चीन सेना के कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक के पश्चात् दोनों सेनाओं के पीछे हटने की बात सामने आ रही है.  गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में भारत के 20 जवानों की जान गई थी जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के हताहत होने की खबर आई थी.

दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

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